मेरा भारत् महान् है! मेरा भारत् महान् है! इसीलिये आज् पूरा दुनिया की आन्खॆ हमारे देश् के ऊपर् लगी हुयी है! कुच् अच्छा काम् के लिये नहि बहुथ् ही बुरा काम् के लिये! एक् नारी अबला ढ्रुड् ह्रुदय् से लट्ट् रही थी धीरज् बान्ध् के मान् भङ् कर्नॆवालोन् के द्न्ड् दिल्वाने के लिये थेरह् दिन् अहो क्या बोलूम् मै! क्वाबॆ बहुथ् थी उस्की पर् अथ्याचारियो ने उस्का बर्बाद् कर् दिया सब् कुछ् फिर् भि खॊयि नही धीरज् बॆचारि अन्थ् थक् लड्ती थी ध्रुड ह्रुदय् से! ईश्वर् सॆ भि न्ही देख् पायी दशा उस्की इथ्नी बुरी इसीलिये शायद् सोचे अप्ने मन् मे उस् को अप्नॆ गॊद् मे लिया जाय् अब् हम् सब् मिल्के लडॆ उस् की लडायी! निर्भय् कॊ समर्पित् कर्ती हूम्!
Tears in my eyes....very upset for that girl...will mourn for her ....no one celebrating new year in my family...
Dear Mankan, Thank you for your prompt response. I lost my sleep thinking about the girl and her parents. It is a great irony even after so much agitation and protests still daily news are pouring out about crime against women, young children and the politicians apathy and mindless comments. PS