Miracles started the moment Krishna was born. No sooner infant Krishna arrives at Gokul, message goes around the entire village and neighboring villages too. All were curious, particularly the women folk, to see this prodigious child. I got reminded of the poem written by me 8 years back in Hindi which I presenting below. चल, मेरे साथ गोकुल चल चल सखी शीघ्र चल| चल, मेरे साथ गोकुल चल | यशोदा की शिशु को देखने चल, मेरे साथगोकुल चल | बहती यमुना का राग भी यही है – चल, चल, चल ... चल, चल, चल | कण-कण पुकार रहा है पल-पल| यह शीतल पवन भी आज है चंचल | छवि है शरद चन्द्र सा सुंदर, और कोटी सूर्यसा उज्वल ! मेरे नयन हैं प्यासे उस दर्शनका | चल, मेरे साथगोकुल चल | हंसी में पायल की झंकार, और मंदहास में खिलता कमल | लगताहै मधुबन ही झूम रहा है जैसे करवटें बदल, बदल | मृग, विहंग,देव, गंधर्व - उछल रहें हैं सब मचल मचल | वातावरण है आज उत्सव का| त्रिभुवनमें कोलाहल ही कोलाहल | बहती यमुना का राग भी यही है – चल, चल, चल ... चल, चल, चल | कण-कण पुकार रहा है पल-पल| यह शीतल पवन भी आज है चंचल | चल सखी शीघ्र चल| चल, मेरे साथगोकुल चल | यशोदा की शिशु को देखने चल, मेरे साथगोकुल चल | - सुबी
Ok that is fine . You had posted that you had authored some eight years ago. Good creation about the creator of His arrival to Gokuldam. 2. But then, I am more prepared to go with to Gokul if you facilitate English translation of your rhyming Hindi poem here. Thanks and Regards.