capital of rapes and crime, Dilwalon ki Delhi इंसान की वजह से,इंसान रो रहे ह.वासना के दलदल में ईमान खो रहे हैं नही कोई मतलब,,वों दामिनी हो या गुडिया वों चीखती रही बेबस और भगवान सो रहे ह".. दिलवालो कि दिल्ली मेँ अब औरतो को जाना नहीँ चाहिए. Delhi - capital of rapes & crimes, whats your view ladies?