लंदन। ब्रिटेन की आधी से ज्यादा महिलाएं मजबूरी में पत्**नी का रिश्ता ढो रही हैं। अगर उन्हें आर्थिक तंगी का डर नहीं हो तो वे अपने पति को तलाक देना पसंद करेंगी। वहां ज्यादातर लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी से नाखुश हैं। वे किसी न किसी मजबूरी के चलते ही रिश्ते की गाड़ी को खींचते चले जा रहे हैं। एक सर्वे से ये बातें सामने आई हैं। ..काश! किसी और को चुना होता -शादीशुदा पुरुषों और महिलाओं के एक सर्वेक्षण में 59 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि अगर उनकी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो तो वह तुरंत ही तलाक लेना चाहेंगी। बहरहाल, अपनी शादीशुदा जिंदगी से मर्द और औरत दोनों एक समान ही असंतुष्ट थे। महिलाओं और पुरुषों, दोनों में दस में से एक का यही कहना था कि काश उसने किसी और को अपना जीवन साथी चुना होता। ..प्यार तो है ही नहीं -ब्रिटेन में 2000 वयस्कों के बीच किए गए इस सर्वेक्षण में यह तथ्य भी निकला कि 50 फीसदी पति अपने विवाहित जीवन में प्रेम का सर्वथा अभाव मानते हैं। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 56 फीसदी लोगों ने माना कि वह अपने वैवाहिक रिश्तों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि उन्होंने तलाक लेने पर विचार किया था। ..परिवार की मजबूरी -ब्रिटिश सर्वेक्षण ने इस कड़वी सच्चाई को रेखांकित किया है कि लगभग 30 प्रतिशत पति-पत्**नी खुद को भारी उथल-पुथल से बचाने के लिए नाकाम शादीशुदा जिंदगी को किसी तरह खींचने की कवायद में लगे हैं। बहरहाल, शादीशुदा जिंदगी से परेशान लोगों से जब विकल्पों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह परिवार की खातिर वह अपने साथी के साथ रहेंगे। तीस फीसदी पुरुषों का कहना था कि अगर वे अपनी शादीशुदा जिंदगी बनाए रख रहे हैं तो बस अपने बच्चों की खातिर। उन्हें अपने बच्चों से बिछुड़ने का डर सताता है। ..ऐसे सामने आई हकीकत -यह सर्वे कराए जाने के पीछे भी एक दिलचस्प दास्तान है। नए साल के पहले हफ्ते में वकालत की सेवा देने वाली कंपनी सेडन्स के यहां तलाक लेने वालों की बाढ़-सी आ गई। तब कंपनी ने हालात का जायजा लेने के लिए सर्वेक्षण कराने की सोची।
Interesting survey. However I think this will totally true for India also. Marraige as tradition and school of thought is failing there too big time. Its been there since last few decades. But we just keep carrying logos of culture and morality to save us. But if you beneath reality of each marriage , you will see how much they are cracking. Interesting to know that First Class country people are also so hapless and vulnerable in this matter.