शत शत प्रणाम है उस दिन किसी मोड़ पे देखा मैने उसे, रोते, बिलखते...... रोज़ दिखती है मुझे किसी ना किसी मोड़ पे, गुनगुनाते, मुस्कुराते....... आज मैने देखा उसे मंदिर में, अर्चन करते...... कभी ख़ुश हैं, कभी उदास, अलग अलग भाव, मगर मैने देखा है उसे हर वक़्त चलते. ज़िंदगी के हर मोड़ पे मिल जाएगी, कई रूप है इसके....... हर रूप मे शोभा देती है, देखो कभी मूड के........ हर रूप इसका अनुपम है, अलग अलग रूप, मैने देखा है राह चलते. हर वक़्त मेरे साथ है, कभी मा है, कभी बहन है, कभी पत्नी तो कभी बेटी है, हर रूप मे महान है.. .नारी समाज का श्रींगार है तुझे शत शत प्रणाम हैं.
babyish, Welcome to il... hum bhi aapke saat hein naari ko pranaam karne, dekha hai kai roop, lekin bhaati hai mooje ma ka roop... hey naari, tujhe salaam
hi Shanvy, thanks for the response............i too like maa ka roop......... oh so much pain for women's allover the world same condition in different form. changed